यदि प्रेगनेंसी के दौरान किसी महिला का बार-बार गर्भपात हो जाता हो, तो यह मंत्र उनकी उस पीड़ा को बहुत जल्द दूर कर सकता है। वेद-पुराणों में इस मंत्र का विशेष महत्व है। पंडितों के अनुसार यह मंत्र गर्भ में पल रहे शिशु के साथ साथ जन्म देने वाली माता का भी सदैव रक्षा करता हैं। गर्भावस्था में इस मंत्र को पढ़ने से जच्चे और बच्चे के आसपास भी बुरी साया नहीं भटकता हैं। धर्म के अनुसार प्रेगनेंसी के समय यदि माता रोजाना इस मंत्र को पढ़े या सुनें, तो उनके गर्भ में पल रहे बच्चे में संस्कार आने के साथ-साथ उनकी दीर्घायु हो सकती हैं।