गर्भवती जरूर दे संतान को गीता ज्ञान अध्याय 4 भाग 1

गीता का चौथा अध्याय तीसरे अध्याय को पूर्ण करता है। चौथा अध्याय बहुत ही विलक्षण क्युकी इसमें पहली बार भगवन अपना स्वरुप अर्जुन के सम्मुख बताते है। और अपने आने का उद्देश्य भी समझाते है इस अध्याय को मुख्य चार भागो में विभाजित कर समझना चाहिए। गर्भावस्था में गीता पाठ करना गर्भवती और संतान के लिए कितना ज्यादा लाभदायक है यह शब्दों में नहीं बताया जा सकता बल्कि सिर्फ इसी बात से जाना जा सकता है कि सदियों से सभी बड़े महापुरष गर्भवती को गीता पड़ने की सलाह अवश्य देते है

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